Saturday, 23 February 2019

कैसे आप अपने कोचिंग संस्थान के लिए विद्यार्थियों को आकर्षित करें?

अगर आप किसी कोचिंग संस्थान के मालिक है और इस बात से काफ़ी ही परेशान है कि आप अपने संस्थान के लिए विद्यार्थियों को कैसे आकर्षित करें? तो आइये आज हम आपसे इसके सम्बन्ध में अपने कुछ विचार शेयर करते हैं.. जिससे आपको यह समझने में आसानी होगी कि आप अपने कोचिंग संस्थान के प्रति विद्यार्थियों को कैसे आकर्षित करें? उम्मीद है कि आप हमारी कम्पनी के द्वारा सुझाएं गये विचारों से इक बेहतरीन कोचिंग संस्थान के रूप में जल्द ही उभरकर दुनिया के सामने आ जायेंगे।

बोनस डील - एक रेफरल प्रोग्राम के तहत आप उस विद्यार्थी को जो आपके लिए कोई नया विद्यार्थी लेकर आता है, उसकी एक महीने की फ़क माफ़ क दें। विशेष तौर से तैयार किये सरल भाषा में विजिटिंग वार्ड बनवाएं एवं उन्हें आस-पास के मेट्रो स्टेशनों, लोकप्रिय कैफेस में बंटवाएं, जहां लोगों का बहुतायत से आना होता है। विशेष तौर पर दूरदर्शी विद्यार्थियों को आकर्षित करने हेतु।

प्रोमोशन व विज्ञापन - परम्परागत विज्ञापन पुस्तिका व पोस्टर एक परखा हुआ माध्यम है विद्यार्थियों का ध्यान अपनी संस्था की ओर खींचने का। आप स्थानीय दुकानों पर, कम्युनिटी सेंटर, मॉल्स व मार्किट में भी पर्चे बंटवा सकते हैं। आप जनसंख्या की बंटवारे के आधार पर और उन स्थानों पर ध्यान देने की कोशिश करें, जो आपकी लगने वाली क्लासेस के आस-पास हों।
आप कुछ विद्यार्थियों को फोन, मेसेज व ईमेल से भी करके सेलेक्ट कर सकते हैं।

अपने प्रतिद्वंदियों के बारे में पता करें - आपको अपनी मार्केट के बारे में पता होना चाहिए। अपने क्षेत्र की भौगोलिक सरंचना को चेक करें। यह देखें कि इस क्षेत्र में सिर्फ़ आप ही यह कार्य कर रहें हैं या आपके पास ही कोई और भी आप जैसा काम कर रहा है। मार्केट में और कितने संस्थान हैं? आप मार्केट क्षेत्र में जहां गैप पाते हैं, उन गैप को भरने की चेष्टा करें, जिससे आप अपने विद्यार्थियों को लाभ पहुंचा पाएंगे।

क्लास रिव्यु - अपने क्षेत्र की विशेषज्ञता पर निर्भर करते हुए एक प्रेसेंटेशन क्रिएट करने में कोई हर्ज़ नहीं है। जहां आप बच्चों को व उनके माता पिता को आमंत्रित करें ताकि वह देख सकें आपकी शिक्षा पद्धति की गुणवत्ता कितने उच्च कोटी की है। एक कम्युनिटी सेंटर या लाइब्रेरी हॉल किराये से लें जहां आप यह कर सकें एवम् वह लोग देख सकें।

डेटाबेस तैयार करें - अपने विजिटिंग कार्ड बाँटें, प्रेज़ेंटेशन दें और बच्चों के प्रश्नों के उत्तर देने के लिए तैयार रहें। आप प्रवेशद्वार के पास पर एक रजिस्टर रखें। हर आने वाले मेहमान को उसमें अपनी सभी डिटेल्स व अपनी पसंद का क्षेत्र नोट कराएं। आप इस अवसर पर आये हुए लोगों का डेटाबेस बनाने के लिए उपयोग करें।

आप वहाँ मौजूद हों और वहां दिखाई दें - अपने ब्रांड व प्रोडक्ट को टॉप पर लाने का दूसरा महत्वपूर्ण रास्ता है कि आप महत्वपूर्ण फोरम के साथ
जुड़ें। एंटरप्रेंयूर्शिप, चर्चा ग्रुप्स व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे- फ़ेसबुक, ट्वीटर, लिंकेडन इत्यादि से जुड़े रहें।
आप ऑन लाइन प्रेज़न्टेशन देकर अपने से संबंधित ग्रुप्स पर अपने अंतर्विचार व्यक्त करते हुए दिखाई दें। जब आप दिखाई देने लगते हैं, तो दक्षता को एक प्लेटफॉर्म मिल जाता है। आपका इच्छुक व उत्सुक विद्यार्थी अपने आप आपके पास चला आएगा।

व्यापार के साधन - आपके ट्यूशन बिज़नेस को प्रोमोट करने का एक और बहुत अच्छा तरीका है विभिन्न ऑनलाइन व्यापार के साधन। इस काम में हमारी कम्पनी आपकी काफ़ी मदद कर सकती है। इसकी चर्चा हम विस्तृत रूप से आपको नीचे के आलेख में समझायेंगे।
अपने पढ़ाने हेतु व बिज़नेस को सबसे ऊपर रखने के लिए हम आपको एक विशेष हैशटैग के ज़रिये सर्च इंजन में लाने की कोशिश करते है। अपने काम को दर्शाते हुए ऑनलाइन विडिओज़ बनाने की रणनीति बनाएं। उन्हें बनाने के बाद सम्बन्धित ब्लॉग के साथ लिंक करें, जिसे आप चला सकें और आप उसमें आर्टिकल्स, इनपुट्स, शिक्षाप्रद संपुटिकाएँ व उनकी लिस्ट दिखा सकते हैं। आपका काम यहाँ सिर्फ़ विडियो तैयार करना है बाक़ी तमाम काम हमारी कम्पनी आपके लिए करेगी।

आप विद्यार्थियों को कैसे अपने कोचिंग संस्थान तक लायें और हम आपकी इसमें कैसे मदद कर सकते हैं?

आज हर तरफ़ काम्पटीशन का माहौल है। हर किसी का सपना है कि वो अपने भविष्य की बेहतरी की ओर रूख़ करें, एक उज्जवल भविष्य देखें। इस काम्पटीशन की माहौल में आप अपनी उच्च गुणवत्ता की शिक्षा पद्धति की माध्यम से बाज़ार में बहुत आसानी से सबके सामने ला सकते हैं। हमारी कम्पनी आपके लिए विभिन्न तरह से मददगार साबित हो सकती है-

1 वेबसाइट तैयार करना - हमारी कम्पनी आपके कोचिंग संस्थान के लिए एक वेबसाइट तैयार करती है जिसमें आपकी पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायी जाती है। आपके दूरभाष नम्बर एवम् आपके पूर्ण पते को इसमें सम्मिलित किया जाता है। आपके लिए हमारी कम्पनी गूगल मैप के ज़रिये आपके कोचिंग संस्थान का दिशा-निर्देश करवाती है जिससे विद्यार्थियों को संस्थान तक पहुंचने में आसानी होगी।

2 गूगल सर्च में स्थान - हम आपकी कोचिंग संस्थान को गूगल सर्च-इंजन के पहले पेज़ पर रखने की कोशिश करते रहते हैं। जैसे उदाहरण के तौर पर- अगर आपकी संस्थान दिल्ली में स्थित है और यूपीएससी की कोचिंग है तो गूगल के सर्च इंजन में अगर कोई विद्यार्थी ये सच करेगा- बेस्ट कोचिंग फ़ाॅर यूपीएससी इन दिल्ली। तो आपकी कोचिंग संस्थान को हम गूगल के सर्च इंजन के पहले पेज़ पर उपलब्ध कराने की कोशिश करते रहेंगे।

3 विडियो क्लासेज़ सैम्पल - आपके द्वारा तैयार किया गया विडियो सैम्पल या नोट्स उसे यू-ट्यूब के ज़रिये या हमारी कम्पनी के तहत आपके वेबसाइट पर अपलोड की जायेगी जिससे विद्यार्थियों का आपके संस्थान के प्रति रूझान बढ़ेगा और वो आपके कोचिंग संस्थान के प्रति आकर्षित होंगे। हमारी कम्पनी आपके विडयोज़ को गूगल-ऐड-सेंस से जोड़ने का काम भी करेगी जिससे पर-व्यूय आपकी आमदनी भी होगी।

4 उचित मूल्य एडवरटाइज़मेंट - आपके संस्थान के लिए हमारी कम्पनी उचित मूल्य पर एडवरटाइज़मेंट करेंगे। हमारी कम्पनी विभिन्न रेट पर विभिन्न सेवाएं प्रदान करती है। आप अपनी इच्छानुसार कोई भी पैकेज़ को अपने संस्थान के लिए चयनित कर सकते हैं। वेबसाइट बनाने एवम् उसके रख-रखाव के लिए आप हमारी कम्पनी को चयनित कर सकते हैं क्योंकि वेबसाइट को लगातार ज़ारी रखने के लिए उसका उचित रख-रखाव बहुत ज़रूरी होता है। हमारी कम्पनी देश की डिजिटल मार्केटिंग की सबसे अच्छी कम्पनियों में से एक है।

कैसे आप अपने कोचिंग संस्थान को अन्य संस्थान से बेहतर बनाएं एवम् कैसे लम्बे समय तक अपने विद्यार्थियों से परस्पर जुड़े रहें?

आज के दौर में अकसर विद्यार्थी उस कोचिंग संस्थान के प्रति ज़ियादाह आकर्षित होते हैं जिसकी अपनी एक पहचान है। पहचान यानि कि आपके संस्थान की वेबसाइट, उसका मोबाईल ऐप्स, उसकी नोट्स इत्यादि। वेबसाईट एवम् मोबाईल ऐप्स हमारी कम्पनी आपके लिए तैयार करेगी जिससे उनको कोचिंग संस्थान के बारे में जानने में बहुत आसानी होती है। आप अपने कोचिंग संस्थान से जुड़े सफल छात्रों की इक लिस्ट तैयार करें एवम् उसे इच्छुक लोगों तक पहुंचाए कि आपकी संस्थान ने विगत वर्ष इतने छात्रों को उनकी मञ्ज़िल की तरफ अग्रसर कराया है। आपकी तैयार की हुई लिस्ट को हम आपकी वेबसाईट पर शो करायेंगे। विद्यार्थियों को कोचिंग संस्थान की ओर आकर्षित करने के लिए आपको विभिन्न चीज़ों पर ख़ासा ध्यान देना होगा-

1 भाषा - भाषा के तौर पर हिन्दी और इंग्लिश भाषा का चयन, जिससे विद्यार्थियों को कोई कमी महसूस ना हो उनकी भाषा उनके लिए कोई बाधा साबित ना हो। भाषा आजकल बहुत से विद्यार्थियों के लिए उनके लक्ष्य में बाधा साबित हो रही है, आप इसका ख़याल रखकर अपने विद्यार्थियों को अपने कोचिंग संस्था के प्रति आकर्षित कर सकते हैं।

2 सैम्पल क्लासेज़ - सैम्पल क्लासेज़ तैयार करें और उसे विडियोज़्स के ज़रिये या ऑनलाईन के तहत दूरदर्शी छात्रों तक पहुंचाने की कोशिश करें। तैयार किये हुए विडियोज़ को आप यूट्यूब के ज़रिये शेयर कीजिए। जिससे आपकी संस्थान बहुत ही कम समय में देश के विभिन्न क्षेत्रों में अध्यननरत विद्यार्थियों तक पहुंच जायेगी।

3 संस्थान की शाखाएं - बाज़ार में आप अपने कोचिंग संस्थान की उचित शाखा तैयार करें जिससे जो छात्र कोचिंग के लिये समय नहीं निकाल पा रहें वो आपकी नोट्स ख़रीदकर एक मामूली सा रजिस्ट्रेशन कराकर आपकी संस्थान से जुड़ जाएं। जिससे भविष्य में वो छात्र आपकी संस्थान से ख़ुदको या कई अन्य छात्रों को जोड़ने में आपके लिए काफ़ी मददगार साबित हो सकते हैं।

4 मोबाईल ऐप्स - आप अपने कोचिंग संस्थान के लिए मोबाईल ऐप्स तैयार कर सकते हैं। इसका फ़ायदा यह होगा कि आजकल 90% विद्यार्थी स्मार्ट-फोन्स का इस्तेमाल करते हैं तो आपके संस्थान के लिए यह बहुत हितकर होगा कि आप अपने विद्यार्थियों से मोबाईल ऐप्स के ज़रिये हमेशा जुड़े रहेंगे। विद्यार्थियों से जुड़े रहकर आप उनका ध्यान अपने कोचिंग संस्थान के प्रति आकर्षित कर सकते हैं।

कैसे आप अपने कोचिंग संस्थान को प्रोमोट करें, उसे विभिन्न ईलाक़ों में कैसे प्रसारित करें?

आज के दौर में हर क्षेत्र में प्रतिस्पर्धाएं हैं वो सरकारी नौकरी हो या उसके प्रति चलित संस्थाएं। कोचिंग संस्थानों में भी आजकल बहुत प्रतिस्पर्धाएं होने लगी है इसलिए हम आपसे अपने कुछ सुझाव साझा करते हैं कि आप कैसे अपने कोचिंग संस्थान को विभिन्न तरीक़े से प्रोमोट कर सकते हैं। उसे देश के विभिन्न क्षेत्रों के विद्यार्थियों तक कैसे पहुंचा सकते हैं?

1 डिजिटल मार्केटिंग - आप अपने कोचिंग संस्थान को प्रोमोट करने के लिए डिजिटल मार्केटिंग का सहारा ले सकते हैं। इसके तहत आप देश के विभिन्न हिस्सों में कुछ ही वक़्त में पहुंच जायेंगे। डिजिटल मार्केटिंग की कम्पनी आपके लिए सभी ऑनलाईन कार्य करती है।

2 समाचार-पत्र एवम् मैगजीन ऐड्स - विभिन्न समाचार-पत्रों एवम् मैगजीन में एडवरटाइज़मेंट इसका दूसरा और सबसे सरल उपाय है। विद्यार्थी रैगूल्यर मैगजीन एवम् समाचार-पत्र से जुड़े होते हैं इसलिए यह एक आसान तरीक़ा है उनके बीच अपनी बात रखने का।

3 पैम्पलेट - पैम्पलेट छपवाकर आप राह-चलते लोगों के दिमाग में बहुत आसानी से पहुंच सकते हैं, जिसका फ़ायदा यह होगा कि उनसे अगर कोई आपकी कोचिंग संस्थान के बारे में कोई बातचीत करेगा तो कम से कम वो उन्हें ये बता सकेगा- हाँ! वो आपकी कोचिंग संस्थान को जानता है।

4 शाखाएं - आप अपनी कोचिंग संस्थान को बहुत से विद्यार्थियों या देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाने के लिए उसकी शाखाएं भी खोल सकते हैं। शाखाएं खोलने से फ़ायदा यह होगा कि आप उन दूरदर्शी विद्यार्थियों तक भी पहुंच जायेंगे जिनके लिए शहर बदलना मुश्किल होता है।

कैसे आप अपने कोचिंग संस्थान को लम्बे समय तक सफल रूप से अग्रसर कर सकते हैं?

कोचिंग संस्थान को सफल रूप देना ये कोचिंग के मैनेज्मेंट पर निर्भर करता है। अमूमन फ़्कैल्टी का काम विद्यार्थियों को पढ़ाना और अपनी सैलरी लेकर निकल जाना होता है। आपको अगर अपने कोचिंग संस्थान को लम्बे समय तक सफल रूप में ज़ारी रखना है तो आप हमारे द्वारा सुझाए गये विभिन्न चीज़ों पर ख़ासा ध्यान दें-

1 रैगुल्यर मार्केटिंग - ऑनलाईन मार्केटिंग जो आपको किसी डिजिटल मार्केटिंग कम्पनी उचित मूल्य पर उपलब्ध कराती है और ऑफ़लाईन जो आप समाचार-पत्रों एवम् विभिन्न मैग़ज़ीनों में करायेंगे। ऑनलाईन मार्केटिंग यानि की डिजिटल मार्केटिंग, कम समय में ज़ियादा लोगों को आकर्षित करती है।

2 शिक्षा पद्धति गुणवत्ता - आपके कोचिंग संस्थान की शिक्षा पद्धति की गुणवत्ता आसान एवम् सरल होनी चाहिए। इससे विद्यार्थियों में एक रूझान पैदा होगा जिससे वो आपके नोट्स को लेकर अन्य विद्यार्थियों से भी वार्तालाप करेंगे। इससे नये विद्यार्थियों का आपके कोचिंग के प्रति रूझान बढ़ेगा और वो आपसे जुड़ने की कोशिश करेंगे।

3 गुरू-शिष्य परस्परता - फ़्कैल्टी एवम् विद्यार्थियों के बीच अच्छी बाॅन्डिंग होनी चाहिए। आपके संस्थान को यह तै करना होगा कि आपकी फ़्कैल्टी कोचिंग में अध्यननरत सभी विद्यार्थियों पर बराबर ध्यान दें। कमजोर विद्यार्थियों को एक्स्ट्रा कक्षाएं उपलब्ध कराकर उन्हें उनकी समस्याओं से निदादित किया जा सकता है।

4 फ़ी एवम् तकनीक - समयानुसार कोचिंग की फ़ी भी बदलती रहनी चाहिए। नये विस्तार से, नयी तकनीक का इस्तेमाल करके कोचिंग को लम्बे समय तक सफल रूप में चलाया जा सकता है। कोचिंग की मैनेज्मेंट इस बात पर ख़ासा ध्यान रख सकती है।

कैसे आप विद्यार्थियों को अपने कोचिंग संस्थान के लिए विभिन्न तरीक़े से हर बैच के लिए ढूंढें? 

आज के दौर में सबसे बड़ा मसला यही है कि हम अपने संस्थान के लिए लोगों को कहाँ से ख़ोजे? इसकी कमी में कई संस्थान खुलते हैं फिर कुछ समय बाद नुकसान के कारण बंद हो जाते हैं। इस चीज़ से बचने के लिए हमें कुछ ख़ास बातों पर ध्यान देना होगा। जैसे-

1 डिजिटल मार्केटिंग - अगर आप हमारी कम्पनी के द्वारा अपने कोचिंग संस्थान का डिजिटलाईज़ मार्केटिंग करवाते हैं तो हम आपके लिए देश के विभिन्न एसपेरिंट छात्रों को टारगेट करेंगे वाया गूगल एंड अदर सोर्सेज़। डिजिटल मार्केटिंग सबसे उचित एवम् सरल उपाय है जिसमें आपके संस्थान को हमारी कम्पनी उन विद्यार्थियों को आप तक ऑनलाईन या गूगल मैप के ज़रिये लाने में मदद करेगी।

2 बैनर तैयार करवाकर - अपने कोचिंग संस्थान के लिए आप बैनर बनाकर किसी अच्छे इलाक़े में प्रचार-प्रसार करके छात्रों को स्वयम् अपने कोचिंग संस्थान तक ला सकते हैं। बैनर विद्यार्थियों का ध्यान आकृष्ट करती है। बार-बार देखी या दिखायी जाने वाली पोस्टर किसी भी विद्यार्थी के दिमाग में घर कर लेती है जिससे वो आपके कोचिंग संस्थान के प्रति आकर्षित हो जाते हैं।

3 एफ़एम ऐड - एफ़एम ऐड पर आप अपने कोचिंग संस्थान के बारे में विद्यार्थियों को अवगत करा सकते हैं। उन्हें अपनी विशेषताएं एवम् ऑफ़र्स से अवगत करा सकते हैं। डेमो क्लास की जानकारी प्रदान कर सकते हैं। अपने एक्सपर्ट का नम्बर देकर विद्यार्थियों को अपने कोचिंग के एक्सपर्ट से बात करवा सकते हैं जिससे वो अपनी संतुष्टि आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।

4 कैम्पिंग - कालेज़ या स्कूल के विभिन्न कैंपो में अपनी इक कैंप स्थापित करवाकर आप अपने विद्यार्थियों तक पहुंच सकते हैं। विद्यार्थियों की भीड़ अमूमन इसी क्षेत्रों में देखने को मिलती है जहाँ आप आसानी से विद्यार्थियों को अपने संस्थान के बारे में बता सकते हैं और उन्हें ढूंढ सकते हैं।

कैसे आप कोचिंग संस्थान के लिए बैनर तैयार करें?

कोचिंग संस्थान के लिए बैनर तैयार करना एवम् सही ईलाक़े में उसे लगाने से आप बहुत ही कम समय में बहुत विद्यार्थियों तक आसानी से पहुंच सकते हैं। इस विषय पर हम आपसे सलाह-सुझाव कर सकते हैं। अपने आइडियाज़ आपसे साझा कर सकते हैं। बैनर तैयार करने के लिए आप किसी अच्छे प्रिंटींग-प्रेस की मदद ले सकते हैं। गुणवत्ता का ख़याल रखकर तैयार किया हुआ बैनर ज़ियादाह छात्रों को आपके संस्थान के प्रति आकर्षित कर सकता है।


Tuesday, 4 July 2017

इस कहानी में मैं नहीं हूँ

इस कहानी में मैं नहीं हूँ
आग-पानी में मैं नहीं हूँ।

उम्र थोड़ा ज़्यादा हुआ है
सावधानी में मैं नहीं हूँ।

ज़िक्र मेरा हो या पराया
बदज़ुबानी में मैं नहीं हूँ।

मांगते थे वो मोहलत जो
उन बयानी में मैं नहीं हूँ।

नितेश वर्मा
#Niteshvermapoetry

किसी ग़रीबख़ाने में ही मिलेंगे हम तुम्हें वर्मा

किसी ग़रीबख़ाने में ही मिलेंगे हम तुम्हें वर्मा
सुबूत भी वहीं से लेना.. हमारी बेगुनाही का।

नितेश वर्मा
#Niteshvermapoetry

तमाम शख़्स शहर के यूं मुसाफ़िर हो गये मेरे

तमाम शख़्स शहर के यूं मुसाफ़िर हो गये मेरे
भटकते सब रहे.. पर नज़र माहिर हो गये मेरे।

चलो जाने दिया जाये कि उनका ज़िक्र छूटे भी
कई अफ़साने फ़साने देख ज़ाहिर हो गये मेरे।

सुब्ह की धूप में पानी बने फ़िरते थे हुक़्मराँ वो
मग़र जो दिन ढ़ली साहब मुहाज़िर हो गये मेरे।

शिकायत भी नहीं करता ज़बानी आख़री तेरा
तिरे ज़ानिब.. ख़ुदाया नैन क़ाफ़िर हो गये मेरे।

हज़ारों बार उसने ही कहा था आज़माने को
कहीं जो टूटके बिखरे कि साहिर हो गये मेरे।

नितेश वर्मा
#Niteshvermapoetry

शर्म-ओ-हया उस शख़्स को इंसान करता था

शर्म-ओ-हया उस शख़्स को इंसान करता था
ग़ज़ब बा-किरदारी जहाने बेज़ुबान करता था।

उसे कम क़ीमते अदायगी पर रोना आता रहा
वही ख़ाकसार था जो मुझे परेशान करता था।

उम्र उम्मीदवारी में गुज़ार दी हमने भी तमाम
मिल्कियत पर अक़सर जो गुमान करता था।

शायरी मेरे अंदर अब ख़ाक होने लगी है वर्मा
वो कुछ और अफ़्सूँ थें जो मैं बयान करता था।

नितेश वर्मा
#Niteshvermapoetry

याक़िस्मत दो पल भी ना ठहरी वो तो आख़िर बार भी

याक़िस्मत दो पल भी ना ठहरी वो तो आख़िर बार भी
फ़िर बेवफ़ाई की फ़ेहरिस्त समेटकर लौट आये हम।

बेरूख़ सी वो शाम के पाक़िज़गी बेहूदगी करती रही
इतने झल्ला उठे के उसको चपेड़कर लौट आये हम।

वो अंज़ामे-वफ़ा की बातों में मशगूल रहने लगी वर्मा
ख़ंज़र ख़ूनी तमाम सीने में लपेटकर लौट आये हम।

नितेश वर्मा
#Niteshvermapoetry

यूं ही एक ख़याल सा - कौन सी मुहब्बत?

क्या हुआ ज़ल्दी वापस आ गए?
-आसमान गिर पड़ा बीच रास्ते में मुझपर..
अरे साफ़ बात करो।
-उसने आज तलाक़ ही माँग ली..
और तुम दे भी आये?
-नहीं.. दिया तो नहीं है बस टाल आया हूँ.. उसने रिहाई मांगी, मैं मुँह छिपाकर भाग आया।
इसे तुम रिहाई कहते हो? फ़िर उसका क्या जो तुमने उससे मुहब्बत की थी?
-कौन सी मुहब्बत? वो किसी मुहब्बत को नहीं मानती.. मैंने मुहब्बत की बात की और याद दिलाया तो कहने लगी- वो कोई मुहब्बत नहीं थी.. ज़्यादा ज़ोर दिया तो कानों की बूंदें निकाल कर मुँह पर दे मारी।
एकदम से.. सीधा मुँह पे?
-नहीं वैसे नहीं।
तो फ़िर कैसे?
-Technically.. बातों से। मैंने बताया कि मैंने जब वो बूंदें उसे तोहफ़े में दिये थे तब उसने I love you कहा था.. सुनकर गुस्से में आ गई और लौटाने लगी..
फ़िर..?
-बूंदें देते हुए कहने लगी- ये लो.. वैसे भी तलाक़ में सारे सामान एक-दूसरे को वापस करने होते हैं।
और तुम वो उठाकर ले आये?
-अरे नहीं.. उसकी तरफ़ से वो मुहब्बत नहीं थी लेकिन मेरे तरफ़ से तो था.. मैंने साफ़ कह दिया तलाक़ में दिये हुए चीजों को लौटाते होंगे, मुहब्बत में दिये हुये चीजों को वापस नहीं करते.. उन्हें तो अमानत के तौर पर संभालकर रखते हैं.. तो तुम भी इन्हें रख लो, बाद में दिल करें तो कभी-कभी पहन लेना या चाहो तो ये सोचकर फ़ेंक देना कि.. तुम्हारे मुहब्बत में मरता हुआ कोई लड़का ख़रीद लाया था।
तलाक़ क्यूं मांग रही है वो?
-ज़ाहिर है.. कोई और पसंद आ गया होगा। मेरी अम्मी कहा करती थीं.. औरतें किसी दूसरे मर्द के भरोसे ही पहले मर्द को छोड़कर जाया करती हैं। वक़ार नाम है शायद उस लड़के का.. पता नहीं।
वो सच कहती है ये मुहब्बत नहीं थी जिसमें पहले वादा किया.. हाँ! तुमसे प्यार है निकाह भी कर ली और जब शादी का वक़्त हुआ तो मुकर गई और कहने लगी- तुमसे मुहब्बत नहीं करती। ये तो ठीक वैसा ही हुआ कि कोई पार्टी इलेक्शन से पहले कहते फ़िरे.. हमें वोट दो अग़र हमारी सरकार बनी तो हम आपकी ग़ुरबत मिटा देंगे और जब सरकार बन गई तो ये कहने लगे- कौन सी ग़ुरबत..? वादा करके मुकरने वाले मुहब्बत नहीं करते, सौदे करते हैं और यक़ीन मानो मियां मुहब्बत सौदों से नहीं वफ़ा से निभाई जाती है।
-अब वफ़ा की बात क्या करें..
तुम तो कोई बात ना करो.. मेरी बात पर तो अम्ल किया भी नहीं होगा.. शक़ होता है मुझे तुमपर.. तुम मर्द के बच्चे नहीं हो।
-अरे नहीं.. थप्पड़ मार आया हूँ उसे, मग़र हाथ से नहीं मारी..
फ़िर..?
-Technically मारी है..
वो ज़ख़्म दे रही थी, मैं ज़ख़्म खा रहा था
वो तलाक़ मांग रही थी, मैं मुस्कुराँ रहा था।
याद रखो.. अग़र तुम्हें तलाक़ होने का ग़म है तो ख़ुशी का यक़ीन कम है। औरत जब हाथ छुड़ाएँ ना तो ये मत समझो कि वो जाना चाहती है, समझ लो कि वो जा चुकी है।
-मैं नहीं समझ पाया हूँ कुछ भी.. लेकिन उसने ही आज एक बात सर पर हथौड़ी मारकर समझा दी है- कि ये दुनिया हम अच्छे मर्दों की वज़ह से नहीं चलती.. अच्छी औरतों की वज़ह से चलती है।

नितेश वर्मा
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