Nitesh Verma Poetry
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Tuesday, 4 July 2017
किसी ग़रीबख़ाने में ही मिलेंगे हम तुम्हें वर्मा
किसी ग़रीबख़ाने में ही मिलेंगे हम तुम्हें वर्मा
सुबूत भी वहीं से लेना.. हमारी बेगुनाही का।
नितेश वर्मा
#Niteshvermapoetry
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