सब कुछ यहाँ अधूरा सा है
इम्तिहान के सवालों में ज़वाब जैसा
ग़ज़ल में दो काफ़िये की तरह
बेबह्र नज़्म में रदीफ़ का होना
प्रेम में शिर्क का ज़िक्र होना
दिल टूटने पर दिलजोई करना
मुहब्बत की सौ बातें करना
और भूख से मरके चुप सोना
ख़्वाब आसमान में छोड़ना
आँखों से कइयों बातें करना
मलाल कई लेकर सो जाना
ख़त अधूरा समेटकर लौट जाना
आख़िर अधूरा-अधूरा रह जाना
शायद पूर्णतया यहाँ कोई नहीं
इसलिए भटक रहे हैं क्योंकि..
सब कुछ यहाँ अधूरा सा है।
नितेश वर्मा
#Niteshvermapoetry
इम्तिहान के सवालों में ज़वाब जैसा
ग़ज़ल में दो काफ़िये की तरह
बेबह्र नज़्म में रदीफ़ का होना
प्रेम में शिर्क का ज़िक्र होना
दिल टूटने पर दिलजोई करना
मुहब्बत की सौ बातें करना
और भूख से मरके चुप सोना
ख़्वाब आसमान में छोड़ना
आँखों से कइयों बातें करना
मलाल कई लेकर सो जाना
ख़त अधूरा समेटकर लौट जाना
आख़िर अधूरा-अधूरा रह जाना
शायद पूर्णतया यहाँ कोई नहीं
इसलिए भटक रहे हैं क्योंकि..
सब कुछ यहाँ अधूरा सा है।
नितेश वर्मा
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