फ़िर वहीं सब कुछ
वहीं ज़िक्र
वहीं परेशान मन
वहीं आदत
वहीं ख़लती चुभन
कितना कुछ नहीं बदला ना
ना तुम.. ना मैं
ना ये शह्र.. ना ये लोग
बदला था तो बस इक वक़्त
और वक़्त के जरिये
बदल गई तो बस ये आदतें।
नितेश वर्मा
#Niteshvermapoetry
वहीं ज़िक्र
वहीं परेशान मन
वहीं आदत
वहीं ख़लती चुभन
कितना कुछ नहीं बदला ना
ना तुम.. ना मैं
ना ये शह्र.. ना ये लोग
बदला था तो बस इक वक़्त
और वक़्त के जरिये
बदल गई तो बस ये आदतें।
नितेश वर्मा
#Niteshvermapoetry
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