..हर शायर मुहब्बत का मारा नहीं होता..
..कभी ज़िन्दगी भी कुछ फ़न सीखा देती हैं..
..हर मंज़िल का कोई किनारा नहीं होता..
..कभी तूफ़ां भी ये रुख बिगाड देती हैं..
..हर रिश्तों के पीछें कोई उद्देश्य नहीं होता..
..दुनियाँ ये कभी दिखा देती हैं..
..मैं तो था ही आवारा वर्मा..
..वर्ना सुना था..
..शायरी ये ज़िन्दगी सीखा देती हैं..!
..कभी ज़िन्दगी भी कुछ फ़न सीखा देती हैं..
..हर मंज़िल का कोई किनारा नहीं होता..
..कभी तूफ़ां भी ये रुख बिगाड देती हैं..
..हर रिश्तों के पीछें कोई उद्देश्य नहीं होता..
..दुनियाँ ये कभी दिखा देती हैं..
..मैं तो था ही आवारा वर्मा..
..वर्ना सुना था..
..शायरी ये ज़िन्दगी सीखा देती हैं..!
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