..एक हुजूम लिए बैठा हूँ..
..फ़िर भी उदास हुएं बैठा हूँ..
..कोई समझता नहीं मेरी बातों को..
..इसलिए ख़ामोश हुए बैठा हूँ..
..इक साथी साथ लिए बैठा हूँ..
..फ़िर भी नाराज़ हुए बैठा हूँ..
..ज़िन्दगी के राह में जीत लिए बैठा हूँ..
..फ़िर भी मौत के करीब हुए बैठा हूँ..
..मैं उजालें के साथ हुए बैठा हूँ..
..फ़िर भी फ़रेब से जोग किए बैठा हूँ..
..किस्मत साथ लिए बैठा हूँ..
..फ़िर भी खुद को दरकिनार किए हुए बैठा हूँ..
..एक वक्त लिए बैठा हूँ..
..फ़िर भी गज़ल को सख़्त किए हुए बैठा हूँ..
..एक हुजूम लिए बैठा हूँ..
..फ़िर भी उदास हुएं बैठा हूँ..
..कोई समझता नहीं मेरी बातों को..
..इसलिए ख़ामोश हुए बैठा हूँ..!
..फ़िर भी उदास हुएं बैठा हूँ..
..कोई समझता नहीं मेरी बातों को..
..इसलिए ख़ामोश हुए बैठा हूँ..
..इक साथी साथ लिए बैठा हूँ..
..फ़िर भी नाराज़ हुए बैठा हूँ..
..ज़िन्दगी के राह में जीत लिए बैठा हूँ..
..फ़िर भी मौत के करीब हुए बैठा हूँ..
..मैं उजालें के साथ हुए बैठा हूँ..
..फ़िर भी फ़रेब से जोग किए बैठा हूँ..
..किस्मत साथ लिए बैठा हूँ..
..फ़िर भी खुद को दरकिनार किए हुए बैठा हूँ..
..एक वक्त लिए बैठा हूँ..
..फ़िर भी गज़ल को सख़्त किए हुए बैठा हूँ..
..एक हुजूम लिए बैठा हूँ..
..फ़िर भी उदास हुएं बैठा हूँ..
..कोई समझता नहीं मेरी बातों को..
..इसलिए ख़ामोश हुए बैठा हूँ..!
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