Sunday, 13 April 2014

..आया था जहाँ से फ़िर वही बाज़ार चला..!

..यें तेरा याद लिएं मैं किधर चला..
..आया था जहाँ से फ़िर वही बाज़ार चला..
..कौडियों के दाम बिका करता था मैं..
..ज़ज़्बात फ़िर वहीं पुरानी..
..सुहानी करने चला..
..रोता था मैं..
..मुस्कुराहट पे मेरा नाम ना था..
..तेरे हिस्सें की बात फ़िर सुनानें चला..
..भरी रात मैं ज़मानें को जगानें चला..
..मुहब्बत में क्या हैं हर्श ये बताने चला..
..हुआ था सरेआम बदनाम ज़मानें में..
..उफ़ तेरे चेहरें की झलक..
..फ़िर से दिल को रिझांनें चला..
..यें तेरा याद लिएं मैं किधर चला..
..आया था जहाँ से फ़िर वही बाज़ार चला..!




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