Monday, 28 April 2014

..आँखों में मेरे वो एक सपना छोड आया हैं..

..आँखों में मेरे वो एक सपना छोड आया हैं..
..ढूढाँ करता था ज़िसे..
..वो राज़ मुझमें छोड आया हैं..

..वो रहगुज़र बनना चाहता था मेरा..
..रगों में मेरे वो अपना खून छोड आया हैं..

..किसी दिन बदलेगा वक्त..
..तो चलेगा सिक्का उसका..
..ज़ज्बातों को मेरे घर वो छोड आया हैं..

..वो अब ज़मानें में बसना चाहता हैं..
..दिलों पे मेरे वो राज कर आया हैं..

..अब बस तमन्ना हैं ये एक उसकी..
..पाना हैं तुझे..
..आखिर ज़िन्दगी को वो मेरे मौत से जोड आया हैं..!


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