Monday, 21 April 2014

..लो हो गई सारी बुरी आदतें बंद..

..लो हो गई सारी बुरी आदतें बंद..
..अब मैं कुछ सरीफ़ सा हो गया..
..छोड सारी अपराधों को..
..अब मैं साधू सा हो गया.
..जिस कदर मैं नाराज़ था रहा खुदसे..
..छोड नाराज़गी मैं परेशां सा हो गया..
..लो कर ली अब मैंने तुमसे यारी..
..मैं तुम्हारें हक का साथी हो गया..
..हो गई सारी रूकावटें दूर..
..ज़िन्दगी में मेरे तू धडकन हो गया..
..लो हो गई सारी बुरी आदतें बंद..
..अब मैं कुछ सरीफ़ सा हो गया..!


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