Friday, 11 April 2014

..हम दिल से सताएं हुएं हैं..

..हम दिल से सताएं हुएं हैं..
..हम दिल के सताएं हुएं हैं..
..मुहब्बत में भरी रात..
..हम खुद से निगाहें छुपाएं हुएं हैं..
..जगाएं हुएं हैं यादों में तेरी अक्सर..
..भूलाएं जो हुएं हैं लबों से तेरी अक्सर..
..गुनाह जो किएं हुएं हैं मैंनें..
..सरेआम भरें बाज़ार उतारें गए हुएं हैं..
..कैसे सँभालें ये दर्द की दास्तां..
..टूटे दिल से ज़िन्दगी निभाएं हुएं हैं..
..हम दिल से सताएं हुएं हैं..
..हम दिल के सताएं हुएं हैं..!


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