..जीता हूँ मगर हैरां हूँ मैं..
..हरायां हूँ किसे जो जीता हूँ मैं..
..कहीं खुद पे बाज़ी तो नहीं खेल आया..
..जो परेशां सा हूँ मैं..
..जीता हूँ मगर हैरां हूँ मैं..
..ज़िन्दगी के दर्द से परेशां सा हूँ मैं..
..सितम रब ने भी अब बढा दिया हैं..
..इस ज़िन्दगी से परेशां सा हूँ..!
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