Nitesh Verma Poetry
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Monday, 31 March 2014
..अपनी हरकतों से वो वर्मा..
..वो देखो फ़िर से दाना चूंग लाया वर्मा..
..इश्क का खिलाडी..
..फ़िर से आशियां बनाने निकल आया..
..लगता हैं बाज नहीं आऐगा..
..अपनी हरकतों से वो वर्मा..
..नाम होंठों से जो उसके छू आया हैं..!
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