..कोशिश गर की हैं तूने..
..तो फिर काहे का तू हारा हैं..
..हिम्मत दिखा अपनी तूने..
..किस्मत को एक करारा तमाचा मारा हैं..
..दौलत भले से तू ना कमा पाया हो..
..इज़्ज़त बनाने में जो तूने गँवाया हैं..
..किस्मत के सहारें तूने जो बनाया था..
..दर-बदर तूने किस्मत पे ही लूटाया हैं..
..गर किस्मत से तू जीत..
..हार को जीत बनाया हैं..
..तो फिर काहे का तू हारा हैं..
..मन्नतों के सहारे ना कुछ बनाया हैं..
..तो शबाब के चक्कर में..
..तूने क्यूं इन्हें गँवाया हैं..
..कोशिश गर की हैं तूने..
..तो फिर काहे का तू हारा हैं..
..हिम्मत दिखा अपनी तूने..
..किस्मत को एक करारा तमाचा मारा हैं..!
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