Saturday, 22 March 2014

..एक साज़िश..

..एक साज़िश तुम्हें बचाने की..
..एक साज़िश तुम्हें गले लगाने की..
..एक साज़िश तेरे में गिरफ़्त हो जाने की..
..एक साज़िश अपने गम सुनाने की..!


No comments:

Post a Comment