Nitesh Verma Poetry
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Saturday, 22 March 2014
..एक साज़िश..
..एक साज़िश तुम्हें बचाने की..
..एक साज़िश तुम्हें गले लगाने की..
..एक साज़िश तेरे में गिरफ़्त हो जाने की..
..एक साज़िश अपने गम सुनाने की..!
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