Sunday, 30 March 2014

..तो वर्मा मेरा नाम भी नहीं..

..ज़ुर्म दिल खुद से कुबूले..
..ये इतना आसान भी नहीं..
..सत्ताधीश अपनी वादों से ना मुकरें..
..तो वर्मा मेरा नाम भी नहीं..
..आडे-खाडे जो तुमनें फ़ँसाएँ हैं कारनामें..
..अंज़ान जनता से..
..जो तुमने छूपाएँ हैं अपनी पहचानें..
..ख़ंडित हो जाऐंगें ये सारे एक दिन..
..मरनें के बाद जब यमदूत तुम्हें लेने आऐंगे..!


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