..मैं सपना हूँ तेरा..
..मगर आँखों में बसा अब तक नहीं..
..मैं साया हूँ तेरा..
..मगर रूह से तेरे अब तक जुडा नहीं..
..चाहता हूँ तुझे किस कदर..
..लफ़्ज़ों से ये जुडा पाया अब तक नहीं..
..दिल मेरा ये खामोश ही रहा..
..और निगाहों को मैं..
..तेरे चेहरे से हटा पाया अब तक नहीं..
..कैसा ये हाल हैं मेरा..
..साँसों को तेरे जुल्फ़ों से..
..रिहा कर पाया अब तक नहीं..
..क्या कमाया मैंनें ज़िन्दगी में..
..जो कहानी में मैंनें अब तक सुना पाया नहीं..
..सबने मुझे नज़रअंदाज़ किया..
..ये अंदाज़ अब तक मैं समझ पाया नहीं..
..मैं बातों में उल्झा रह गया उसके..
..किस्मत को मैं अब तक समझ पाया नहीं..!
..मगर आँखों में बसा अब तक नहीं..
..मैं साया हूँ तेरा..
..मगर रूह से तेरे अब तक जुडा नहीं..
..चाहता हूँ तुझे किस कदर..
..लफ़्ज़ों से ये जुडा पाया अब तक नहीं..
..दिल मेरा ये खामोश ही रहा..
..और निगाहों को मैं..
..तेरे चेहरे से हटा पाया अब तक नहीं..
..कैसा ये हाल हैं मेरा..
..साँसों को तेरे जुल्फ़ों से..
..रिहा कर पाया अब तक नहीं..
..क्या कमाया मैंनें ज़िन्दगी में..
..जो कहानी में मैंनें अब तक सुना पाया नहीं..
..सबने मुझे नज़रअंदाज़ किया..
..ये अंदाज़ अब तक मैं समझ पाया नहीं..
..मैं बातों में उल्झा रह गया उसके..
..किस्मत को मैं अब तक समझ पाया नहीं..!
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