..जो मिली थीं मुस्कुराहट मुझे ज़िन्दगी से..
..जो मिली थीं राहत मुझे ज़िन्दगी से..
..रात ए गम की चली..
..और ज़िन्दगी राख में मिल गयीं..
..खाख़ तो होना ही था एक दिन..
..ज़िन्दगी दुश्मनी की बारात से निकल गयीं..
..मुहब्बत जो मेरी..
..बेवफ़ा की दिल से होकर गुजरी..
..सारी कायनात..
..मेरी रात से होकर गुजर गयीं..!
..जो मिली थीं राहत मुझे ज़िन्दगी से..
..रात ए गम की चली..
..और ज़िन्दगी राख में मिल गयीं..
..खाख़ तो होना ही था एक दिन..
..ज़िन्दगी दुश्मनी की बारात से निकल गयीं..
..मुहब्बत जो मेरी..
..बेवफ़ा की दिल से होकर गुजरी..
..सारी कायनात..
..मेरी रात से होकर गुजर गयीं..!
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