Nitesh Verma Poetry
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Thursday, 27 March 2014
..मुहब्बत में जो होना था..
..फ़िर से वही दास्तां सुना दिए..
..फ़िर से मुहब्बत की बेवफ़ाई दिखा दिए..
..मुहब्बत में जो होना था..
..वो हो गया मेरे दोस्त..
..कल की याद में तुमने आज़ गँवा दिए..!
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