..मेरे हालातों पे गर तू ना हँसे..
..तो फिर ये दर्द किस बात..
..मेरे गज़ल में गर तू ना दिखे..
..तो फिर ये मुहब्बत किस बात..
..ज़मानें के दर्द में तू दिखता हैं मुझे..
..गर हर-पल तुझमें खोया ना रहूँ..
..तो फिर ये आशिकी किस बात..!
..तो फिर ये दर्द किस बात..
..मेरे गज़ल में गर तू ना दिखे..
..तो फिर ये मुहब्बत किस बात..
..ज़मानें के दर्द में तू दिखता हैं मुझे..
..गर हर-पल तुझमें खोया ना रहूँ..
..तो फिर ये आशिकी किस बात..!
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