..खामोशी मुझे सताती हैं..
..बात जो मैं करू..
..कानून ये गुनाह बताती हैं..
..हक के ख़ातिर लडना अपराध हैं..
..जितना मिला हैं उतनें में सब्र करना सीखाती हैं..
..कोई मुश्किल गलें ना लगाओं तुम..
..कोई भारी-भरकम बातें ना बनाओ तुम..
..तुम ख़ुद में जीओ या खुद से मरों..
..परवाह नहीं..
..हैंरत भरी निगाहों में मुझे ये समझाओं मत..
..सारी बातें या वादें कह लो तुम..
..झूठ की जुबान हैं..
..कानून को ये समझाओं मत..
..अपनी सारी व्यथाओं को रख देते हैं खोल के सामनें मेरे..
..कहते हैं अब ये सत्यमेव जयते मुझे समझाओं मत..
..सब मज़बूर हैं कहीं ना कहीं..
..हालत अब देश की वर्मा मुझे समझाओं मत..!
..बात जो मैं करू..
..कानून ये गुनाह बताती हैं..
..हक के ख़ातिर लडना अपराध हैं..
..जितना मिला हैं उतनें में सब्र करना सीखाती हैं..
..कोई मुश्किल गलें ना लगाओं तुम..
..कोई भारी-भरकम बातें ना बनाओ तुम..
..तुम ख़ुद में जीओ या खुद से मरों..
..परवाह नहीं..
..हैंरत भरी निगाहों में मुझे ये समझाओं मत..
..सारी बातें या वादें कह लो तुम..
..झूठ की जुबान हैं..
..कानून को ये समझाओं मत..
..अपनी सारी व्यथाओं को रख देते हैं खोल के सामनें मेरे..
..कहते हैं अब ये सत्यमेव जयते मुझे समझाओं मत..
..सब मज़बूर हैं कहीं ना कहीं..
..हालत अब देश की वर्मा मुझे समझाओं मत..!
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