..वो मुझे बदलनें के ख़ातिर बदलता हैं..
..मेरे ज़िस्म से होके मेरे रूह में उतरता हैं..
..हाथों में स्याहं जेहन में उत्साह..
..ख़ातिर मेरे वो ज़मानें में निकलता हैं..
..वो एक शख़्स हैं जो मेरे इरादों में बसता हैं..
..उम्मीदों में मेरे वो खडा उतरता हैं..
..सब धूल की तरह हैं बातें मेरे दिल की..
..वो आँधियों में मेरे कंबंल बनता हैं..
..एक शख़्स हैं जो मुझसें ज़्यादा मेरे हिस्सों में बसता हैं..
..किया हैं उसने जो वादा वो मेरे दिल में उतरता हैं..!
..मेरे ज़िस्म से होके मेरे रूह में उतरता हैं..
..हाथों में स्याहं जेहन में उत्साह..
..ख़ातिर मेरे वो ज़मानें में निकलता हैं..
..वो एक शख़्स हैं जो मेरे इरादों में बसता हैं..
..उम्मीदों में मेरे वो खडा उतरता हैं..
..सब धूल की तरह हैं बातें मेरे दिल की..
..वो आँधियों में मेरे कंबंल बनता हैं..
..एक शख़्स हैं जो मुझसें ज़्यादा मेरे हिस्सों में बसता हैं..
..किया हैं उसने जो वादा वो मेरे दिल में उतरता हैं..!
No comments:
Post a Comment