Thursday, 28 November 2013

..हो कोइ बारिश यहां..


..दर्द ए दिल की बात कोइ बता दे इसे यहां..
..हैं जो दिल की बात कोइ ज़रा सुनवा दे इसे यहां..
..हो कोइ बारिश यहां..
..जो मुझे खुद में भींगा दे पूरी तरह..
..हो कोइ शक्स यहां जो मेरा हो पूरी तरह..
..रातों में मैं क्यूं खुद जागूं अभी..
..सपनों में ही खोया रहूं क्यूं हरपल मैं अभी..
..परेशां हैं क्यूं खुद ये बातें मेरी..
..बता दे तु कभी इसे तु होगी कभी मेरी..
..सुनवा दे होंठों पे इसे बसे नामें मेरी..

..हैं ये तेरे इश्क में डूबा किनारा करा दे इसे..
...दर्द ए दिल की बात होंठों से सुना दे इसे..
..बाहों में बाहें डाल सीने से लग जा मेरे..
..दर्द ए दिल की बात कोइ बता दे इसे यहां..
..हैं जो दिल की बात कोइ ज़रा सुनवा दे इसे यहां..
..हो कोइ बारिश यहां..
..जो मुझे खुद में भींगा दे पूरी तरह..!

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