आज उसके आँसूओं का हिसाब करता हूँ
बाहों में भरकर उसे इक किताब करता हूँ
प्यार पूछतें हो मेरें किनारें आकर मुझसे
मैं हूँ वो जो सूरज को आफताब करता हूँ
नितेश वर्मा
बाहों में भरकर उसे इक किताब करता हूँ
प्यार पूछतें हो मेरें किनारें आकर मुझसे
मैं हूँ वो जो सूरज को आफताब करता हूँ
नितेश वर्मा
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