Tuesday, 31 December 2013

..नरेन्द्र मोदी..

..कोइ मोदी कहता हैं कोइ नमो का रूप समझता हैं..
..ये दिल की बात हैं ये धडकन समझता हैं..
..हर घर की उम्मीद में जो जलता हैं..
..वो दीया नरेन्द्र..
..मोदी के नाम से सबके दिलों में बसता हैं..
..लोगों के चेहरें की खुशी में दिखता हैं..
..और जो सबके सपनों में सजता हैं..
..जीत के इरादों में बसता हैं..
..जो लहरों से साहिल में मिलता हैं..
..दिल-दिल पे राज..
..और ज़ुबाँ पे जो नमो:-नमो: से बसता हैं..
..नरेन्द्र मोदी मेरे दिल में आज़ भी वहीं जगह रखता हैं..!


..तुम हो शायद तो कुछ राहत हैं..

..तुम हो शायद तो कुछ राहत हैं..
..तुम हो शायद तो कुछ कम मेरी आफत हैं..
..तुम हो तो मैं जुडा इस शहर से हूँ..
..तुम हो तो जी रहा मैं हूँ..
..तुम हो तो सब हैं शमां हैं ये जहां हैं..
..कुछ हालातें हैं कुछ रातें हैं कुछ सँवारें मेरे तरानें हैं..
..बिन तुम्हारें तो हम भी गँवारें हैं..
..बेमतलब बेजुबाँ बेकसक सी हैं ये बातें सारी..
..तुम हो तो शायद ये हैं मेरे..
..तेरे ही खातिर ये लिख्खें मैंनें सारें हैं..!

..ना जाने कैसे..


..क्या हैं क्यूँ हैं और ना जाने कैसे..
..ये ज़िन्दगी हैं मेरी बे-परवाह इतनी ना जाने कैसे..
..टूट रहा हैं कुछ सीने में मेरे दिल जैसा..
..ना जाने ये आवाज कैसी हैं..
..या फिर से उठी ये मेरे मन की बे-आवाज़ ऐसी ही हैं..
..शायद कोई सँवारे इसे..
..रोता हुआ देख कोई पुकारे इसे..
..हादसे ज़िन्दगी की मेरी कभी मंजिल की और भी चले..
..भटकतें पैरों को मेरे चादर तो मिले कभी..
..क्या हैं क्यूँ हैं और ना जाने कैसे..
..ये ज़िन्दगी में हैं गम मेरे इतने ना जाने कैसे!

Sunday, 29 December 2013

..कुछ बातें..

..कुछ बातें कुछ हालातें कुछ मजबूरियाँ..
..बस ये कुछ चीजें ही काफी होते है..
..इंसान को पूरी और गहरी तरह से तोडने में..!


..बस करों..

..बस करों अपने सीने में ही दबाएं रख्खों..
..अपनी बातें फरेबी सारी..
..सुनूँगा तो फिर तडप जाउंगा..!


..कैसी हो चली हैं मेरी ज़िन्दगी..

..कैसी हो चली हैं मेरी ज़िन्दगी..
..सिर्फ यादों में ही गुज़रती जा रहीं हैं..!

..तुम्हें भूल खुद में उलझ जाते हैं..

..खुद के बिताएँ अपने ही पल याद आ जाते है..
..पता ना दिन कैसा चल रहा हैं..
..तुम्हें भूल खुद में उलझ जाते हैं..!


.. अल्फाज़-ए-मुहब्बत..

..बयां क्या करू..
..अपनी अल्फाज़-ए-मुहब्बत आशिकी का..
..तेरे तस्वीर के सामने..
..मेरी कुछ चलती भी तो नहीं..!


..तुम कहते थे ना..

..तुम कहते थे ना..
..जितना ज़िक्र करोगे..
..मेरी यादों का..
..मेरी बातों का..
..मेरे साथ बिताएँ हंसी जिन्दगानी का..
..उतना ही दर्द.. आहें.. एहसान.. फरेबी प्यार..
..इस जहां से तुझे..
..मेरे नाम के मिला करेंगे..
..तुम्हारी कहीं हर बात मुझे सच्ची लगती हैं..
..काश! तेरा किया वादा भी मुझसे सच्चा होता..!


..इक साँस पूरी नहीं हो रहीं..

..कैसे गुजार लेंगे..
..वो बिन मेरे..
..ये उबन भरी तमाम ज़िन्दगी..
..बिन उनके मेरी इक साँस पूरी नहीं हो रहीं..!


..सिवाएँ मेरे इस सपने के..

..वो बेचैन तडपती रातों के बीच..
..तूफानी बारिशों के दरमियाँ..
..तेरे कदमों की होने की आहट..
..मुझमें मिलने की चाहत..
..सारी बातें ये पुरानी हो चली है..
..सिवाएँ मेरे इस सपने के..!


..आहिस्ता-आहिस्ता..



..आहिस्ता-आहिस्ता चलने की आदत हो गई हैं..
..जबसे तुमने मुझे उस मुकाम से गिराया हैं..!

..मैं अकेला..

..मैं अकेला ही चला था..
..ना जाने किस मकसद से किस इरादें से..
..देश को सुधारनें को राजनीतिक दुराचारों को मिटानें को..
..या खुद को लोगों के दर्दों में समानें को..
..जनता के गम को देख कहीं रूक जाने को..
..सारी हालातें मेरे खिलाफ थी..
..अपनों के नाम पे बस कुछ चंद हाथ साथ थे मेरे..
..विरोधी मेरे सारे लिए साथ अपने एक कायनात खडी थी..
..मेरा साहस का साथ होना..
..या आपकी दुआओं में मेरा नाम का होना..
..फिर अचानक से इक रात..


..मेरे नाम का होना मेरी पहचान को होना..
..मुझसे लोगों का जुड जाना उनकें दुख-दर्द का मेरा हो जाना..
..मेरी बातों में उनका ज़िक्र हो जाना..
..लोगों के नाम मेरे ज़िन्दगी का कर देना..
..मेरे इरादों में इक ढ्रढ संकल्प का हो जाना..
..जनता के लिए खुद को कहीं झोंक देना..
..फिर से देश को सबेरा कर देना..
..काली-रातों को हटा..
..फिर से सबकी ज़िन्दगी में उजाला भर देना..
..ऐसी ही कुछ इरादों को ले चला था मैं..
..कदम से कदम आप मिलातें रहें..
..और मैं करीब आपके होता रहा..!

.. आम आदमी..

..मैं हारुँ..
..जमानें में वो बात कहां..
..और मैं जमानें से जीतूँ..
..तो वो जीत किस बात..
..मैं इक आम आदमी हूँ..
..गर जीतूँ जमाने से तो जश्न किस बात..
..मेरे जश्न में ना हो कोइ सरीक..
..तो मेरी जीत किस बात..
..आम हूँ अकेला हूँ..
..मगर दिल से हूँ मैं निडर..
..गर मन में हो मेरे संकल्प..
..तो डर किस बात..
..बात-बात पे ज़िक्र हो मेरा..
..तो मैं आम किस बात..
..मेरी बातों में हो गर बात..
..जो दिल पे करे सबके राज..
..वो जीत मेरे बात वो जश्न मेरे रात..
..मेरा हाथ हो सबके हाथ के साथ..
..तो ये बात हो सबको रास..
..आम आदमी की आम बात..
..नारे-नारे में हो एक नाम हम सारें एक समान..
..आम आदमी आम बात..
..सबका हित सबका नाम..!

Sunday, 8 December 2013

..ज़िन्दगी की कहानी हैं अभी लम्बी ज़रा..!

..दिल तु रूक ज़ा ज़रा..
..साया हूँ बन के मैं पिछे तेरे खडा..
..दिल तु हो जा मेरा..
..ज़िन्दगी की कहानी हैं अभी लम्बी ज़रा..
..दिल तु चुप हो तो ज़रा..
..बारिश बूंदों की भरी हैं यहां..
..जिस बात पे तु खुश हैं रहा..
..अक्सर वो बातें हैं चुभती यहां ज़रा..
..जिस धुन पे तु गाता रहा..
..दिल के कोने में टूटती हैं जा रही वो सदा..
..क्या हैं ये माज़रा..
..खुद को अब क्यूं समझा पाऊँ ना..
..दर्द का हैं सिलसिला रातों का हैं ये कुहां..
..मकसद मेरा क्यूं रुक गया हैं यहां..
..जानू ना मै समझूं ना..
..बात दिल की भी अब समेट पाऊँ ना..
..क्या ये हाल हैं बेदर्द सा बात हैं..
..दिल की बात अब दिल से भी कर पाऊँ ना..
..गिर गया हूँ खुद की नज़रों में..
..रिश्वत दे के भी अब उठ पाऊँ ना..
..अए खुदा तु ही कोइ मंजिल दिखवा दे..
..गम को तु मेरे कहीं सुनवा दे..
..इसे तु खुद से कहीं मिलवा दे..
..दिल को फिर से तु मेरा करवा दे..
..दिल में फिर तु उसे बसवा दे..
..कर दे करम कुछ ऐसा वो हो जाए मेरा..
..बदले में तु ले जा चाहें जा मेरा..
..मगर तु फिर से दिल को करवा दे मेरा..
..दिल तु सुन ले ज़रा..
..क्या हकीकत दिल में हैं बसा मेरा..
..दिल तु रूक ज़ा ज़रा..
..साया हूँ बन के मैं पिछे तेरे खडा..
..दिल तु हो जा मेरा..


..ज़िन्दगी की कहानी हैं अभी लम्बी ज़रा..!

Saturday, 7 December 2013

..वो बताऐंगे कभी मुझे तो मैं बताउँगा कभी तुम्हें..!

..मेरी सारी बातें जो मैनें लिख्खे थे..
..तुम्हें बताने को सुनाने को दिखाने को..
..आज़ वो बिखरतें जा रहे है..
..उल्झते जा रहे है..
..जैसे सावन के बीच काली घटाओ का होना..
..आँधियों के बीच पत्तियों का रोना..
..सारी समेटी थी ज़िन्दगानी जो मैनें खातिर तुम्हारें..
..पता ना क्यों?


..आज़ वो पुरानी-धूमिल सी होती जा रही है..
..आखिर हुई मुझसे ऐसी क्या खता..
..जो मेरी उडती जा रहीं हैं ख्वाबों की आशियाँ..
..हैं कोइ बात ऐसी ही..
..जो मेरी हालातों की तरह होंगी..
..जिसे सुन वो सब अपनी राहें मुड गए होंगे..
..मेरी खताएँ मेरी हालातें मेरी सारी परेशानियाँ..
..मेरे ही हिस्सें की सारी बातें हैं..
..दूसरी तरफ से तो मेरे लिए कोइ ज़िक्र ही ना था..
..शायद वो सुनना ना चाहते हो..
..समझना ना चाहते हो..
..मेरी बातों मेरी हालातों को..
..या फिर हो शायद कोई और बात..
..जो हो बडी मुझसे बहोत बडी..
..वो बताऐंगे कभी मुझे तो मैं बताउँगा कभी तुम्हें..!

Friday, 6 December 2013

..उससे कहने में ये डर लगता हैं मुझे..


..उससे कहने में ये डर लगता हैं मुझे..
..के उससे कई ज्यादा प्यार करता हूँ मैं..
..कहीं बातें तोड ना दे वो मेरी..
..कही इरादें मेरे हैरां ना कर दे उसे..
..कहीं ठुकरा ना दे वो मुहब्बत मेरी..
..ऐसी कुछ और बातें..
..जो नींदों में भी तोडती हो दिल मेरा..
..सोच के यहीं डर लगता हैं मुझे..
..कहीं उसे इन्कार ना हो मेरी बातों से..
..ख्वाबों में हुए उसके मुलाकातों से..
..अपने दिल में उसकी तस्वीर बसाने से..
..अपने मन को उसके रंग रंगने से..
..डूबा हुआ रमा हुआ..
..उसकी कहीं हर इक बातों पे..
..परेशां हूँ मैं कहीं ये जान के..
..वो मेरा दिल ना तोड दे..
..मेरा साथ ना छोड दे..
..अपनी दी हुइ बातें यादें वादें ..
..कहीं हर इक वो बात..
..मुझसे कहीं इक पल में ना अलग कर दे..
..चुप रहता हूँ डरा रहता हूँ..
..सहमा-सहमा सा रहता हूँ..
..इसी किसी बातों पे..
..हमसफर बननें के मैं काबिल नहीं..
..कहीं ये बात हाथ जोड के हबीब ने मेरे..
..वो किस्मत में नहीं प्यार के तेरे..
..चल सही उसे अपना दोस्त ही बना रहने दे..!

Monday, 2 December 2013

..तु है जो मिला..


..तु है जो मिला..
..रहा मुझे ज़िन्दगी से ना अब कोइ गीला..
..तु है ज़ो मुझमें बसा..
..रहे भले साँसें अब खुद मुझसे ज़ुदा..
..तु है जो मेरा..
..अब कौन करे कोइ रब से और दुआ..
..मेरी ज़िन्दगी में अब तु हैं..
..मेरी होंठों पे इक बसी नाम तु हैं..
..मेरी रातें मेरी शामें मेरी धडकनों में तु हैं..
..ओ साज़ना मुझमें अब कुछ तु हैं..
..तुझमें अब जीना चाहूँ..
..तुझमें ही रहना चाहूँ..
..तुझसे ही जुड के मैं अब जीना चाहूँ..
..मेरा हैं तु कुछ हिस्सा..
..लफ्ज़ों से बना मेरा-तेरा ये खिस्सा..
..तु हैं जो अब शबनमीं शामं हैं..
..इक भींगीं सी एहसास हैं..
..हाथें हैं रेंत में दबी..
..दिल में दबा इक तेरा नाम हैं..!