..तु है जो मिला..
..रहा मुझे ज़िन्दगी से ना अब कोइ गीला..
..तु है ज़ो मुझमें बसा..
..रहे भले साँसें अब खुद मुझसे ज़ुदा..
..तु है जो मेरा..
..अब कौन करे कोइ रब से और दुआ..
..मेरी ज़िन्दगी में अब तु हैं..
..मेरी होंठों पे इक बसी नाम तु हैं..
..मेरी रातें मेरी शामें मेरी धडकनों में तु हैं..
..ओ साज़ना मुझमें अब कुछ तु हैं..
..तुझमें अब जीना चाहूँ..
..तुझमें ही रहना चाहूँ..
..तुझसे ही जुड के मैं अब जीना चाहूँ..
..मेरा हैं तु कुछ हिस्सा..
..लफ्ज़ों से बना मेरा-तेरा ये खिस्सा..
..तु हैं जो अब शबनमीं शामं हैं..
..इक भींगीं सी एहसास हैं..
..हाथें हैं रेंत में दबी..
..दिल में दबा इक तेरा नाम हैं..!
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