..उससे कहने में ये डर लगता हैं मुझे..
..के उससे कई ज्यादा प्यार करता हूँ मैं..
..कहीं बातें तोड ना दे वो मेरी..
..कही इरादें मेरे हैरां ना कर दे उसे..
..कहीं ठुकरा ना दे वो मुहब्बत मेरी..
..ऐसी कुछ और बातें..
..जो नींदों में भी तोडती हो दिल मेरा..
..सोच के यहीं डर लगता हैं मुझे..
..कहीं उसे इन्कार ना हो मेरी बातों से..
..ख्वाबों में हुए उसके मुलाकातों से..
..अपने दिल में उसकी तस्वीर बसाने से..
..अपने मन को उसके रंग रंगने से..
..डूबा हुआ रमा हुआ..
..उसकी कहीं हर इक बातों पे..
..परेशां हूँ मैं कहीं ये जान के..
..वो मेरा दिल ना तोड दे..
..मेरा साथ ना छोड दे..
..अपनी दी हुइ बातें यादें वादें ..
..कहीं हर इक वो बात..
..मुझसे कहीं इक पल में ना अलग कर दे..
..चुप रहता हूँ डरा रहता हूँ..
..सहमा-सहमा सा रहता हूँ..
..इसी किसी बातों पे..
..हमसफर बननें के मैं काबिल नहीं..
..कहीं ये बात हाथ जोड के हबीब ने मेरे..
..वो किस्मत में नहीं प्यार के तेरे..
..चल सही उसे अपना दोस्त ही बना रहने दे..!
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