Nitesh Verma Poetry
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Sunday, 29 December 2013
..सिवाएँ मेरे इस सपने के..
..वो बेचैन तडपती रातों के बीच..
..तूफानी बारिशों के दरमियाँ..
..तेरे कदमों की होने की आहट..
..मुझमें मिलने की चाहत..
..सारी बातें ये पुरानी हो चली है..
..सिवाएँ मेरे इस सपने के..!
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