Sunday, 8 December 2013

..ज़िन्दगी की कहानी हैं अभी लम्बी ज़रा..!

..दिल तु रूक ज़ा ज़रा..
..साया हूँ बन के मैं पिछे तेरे खडा..
..दिल तु हो जा मेरा..
..ज़िन्दगी की कहानी हैं अभी लम्बी ज़रा..
..दिल तु चुप हो तो ज़रा..
..बारिश बूंदों की भरी हैं यहां..
..जिस बात पे तु खुश हैं रहा..
..अक्सर वो बातें हैं चुभती यहां ज़रा..
..जिस धुन पे तु गाता रहा..
..दिल के कोने में टूटती हैं जा रही वो सदा..
..क्या हैं ये माज़रा..
..खुद को अब क्यूं समझा पाऊँ ना..
..दर्द का हैं सिलसिला रातों का हैं ये कुहां..
..मकसद मेरा क्यूं रुक गया हैं यहां..
..जानू ना मै समझूं ना..
..बात दिल की भी अब समेट पाऊँ ना..
..क्या ये हाल हैं बेदर्द सा बात हैं..
..दिल की बात अब दिल से भी कर पाऊँ ना..
..गिर गया हूँ खुद की नज़रों में..
..रिश्वत दे के भी अब उठ पाऊँ ना..
..अए खुदा तु ही कोइ मंजिल दिखवा दे..
..गम को तु मेरे कहीं सुनवा दे..
..इसे तु खुद से कहीं मिलवा दे..
..दिल को फिर से तु मेरा करवा दे..
..दिल में फिर तु उसे बसवा दे..
..कर दे करम कुछ ऐसा वो हो जाए मेरा..
..बदले में तु ले जा चाहें जा मेरा..
..मगर तु फिर से दिल को करवा दे मेरा..
..दिल तु सुन ले ज़रा..
..क्या हकीकत दिल में हैं बसा मेरा..
..दिल तु रूक ज़ा ज़रा..
..साया हूँ बन के मैं पिछे तेरे खडा..
..दिल तु हो जा मेरा..


..ज़िन्दगी की कहानी हैं अभी लम्बी ज़रा..!

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