..इश्क की बात मैं ये रिस्क से कर आया..
..मुहब्बत की बात मैं लफ्ज़ों से कर आया..
..धडकनों को खामोश मैं उनकें साँसों को छू आया..
..मुहब्बत को अपने उनके आँखों में सँज़ों के आया..
..बहोत दिनों से खामोश था..
..सोच मैं ये उनके दिल में अपनी मुहब्बत जगा आया..
..रात उनकी भी मैं परेशां कर के आया..
..मुहब्बत में मैं भी एक चाल चलके आया..
..फरेब की बातों को अपने ज़ज्बातों से जोड आया..
..मुहब्बत में मैं भी ये क्या करके आया..
..दिल को अपने उनके आँखों में छोड के आया..
..इश्क की बात मैं ये रिस्क से कर आया..
..मुहब्बत की बात मैं लफ्ज़ों से कर आया..!
..मुहब्बत की बात मैं लफ्ज़ों से कर आया..
..धडकनों को खामोश मैं उनकें साँसों को छू आया..
..मुहब्बत को अपने उनके आँखों में सँज़ों के आया..
..बहोत दिनों से खामोश था..
..सोच मैं ये उनके दिल में अपनी मुहब्बत जगा आया..
..रात उनकी भी मैं परेशां कर के आया..
..मुहब्बत में मैं भी एक चाल चलके आया..
..फरेब की बातों को अपने ज़ज्बातों से जोड आया..
..मुहब्बत में मैं भी ये क्या करके आया..
..दिल को अपने उनके आँखों में छोड के आया..
..इश्क की बात मैं ये रिस्क से कर आया..
..मुहब्बत की बात मैं लफ्ज़ों से कर आया..!
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