Friday, 28 February 2014

..तेरे लफ़्ज़..

..तेरे लफ़्ज़..
..जो तेरे लब से होकर निकले हैं..
..यकींनन मेरे नाम के ही निकले है..
..वर्ना सुर्ख होंठों पे तेरे..
..ये दाग कैसे निकले हैं..?


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