Nitesh Verma Poetry
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Sunday, 16 February 2014
..ये कैसी हैं मुहब्ब्त..
..सिर्फ तस्वीरों को सीनें से लिए जीएँ जा रहें हैं..
..ये कैसी हैं मुहब्ब्त..
..जो किए तो फिर भी मरें जा रहें हैं..!
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