Nitesh Verma Poetry
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Sunday, 1 January 2017
उसके ग़म कहने का अंदाज़ कुछ ऐसा है..
उसके ग़म कहने का अंदाज़ कुछ ऐसा है..
वो शख़्स मुस्कुराकर सारे आँसू रो देता है।
नितेश वर्मा
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