..यूं तस्वीरों में मैंने ढलती दुनियाँ को देखा हैं..
..आंखों के सहारें मैनें मोती को उतरते देखा हैं..
..यूं तो देखा हैं मैनें बहोत कुछ दुनियादारी में..
..पर क्या बताउँ आज़ जो देखा हैं मैनें तेरी आँखों में..
..इशारें को तेरे मैंने अपने ज़िन्दगी के सहारे में देखा हैं..
..देखा तो हैं बहोत कुछ..
..पर तेरी हाथों में जो अपना नाम देखा हैं..
..बस यहीं ज़िन्दगी में मैनें इक खुशनुमां एहसास देखा हैं..
..तेरे होठों पे छुपा बस इक नाम मेरा देखा हैं..
..इशक की फरमाइश में मैनें बस इक नाम तेरा देखा हैं..!
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