Tuesday, 15 November 2016

यूं ही एक ख़याल सा..

अरे! ऐसे क्यूं शर्मां रही हो? क्या वो मैं नहीं जिससे तुमने शादी की थी?
चल, बदमाश!
हाय!
इन्हें तो छोड़ दो.. इन्होंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है?
तुम्हें पता है ये सिर्फ़ कंगन नहीं है ये तो हमारे दिल की आत्मा है जो हर बार एक-दूसरे से टकराने पर एक नज़ाकत से अपने छुअन को दूर तक सुनाती हैं।
अच्छा..! और ये चूड़ियाँ.. इनके बारे में भी तो कुछ कहो?
हुम्म्म्म! ये चूड़ियाँ नहीं है ये तो हम दोनों की बातें हैं जो हर बार एक-दूसरे से गले लगकर खिलखिलाती रहती हैं.. मुस्कुराती रहती हैं।
तुम भी ना.. तुम बड़े Unromantic हो!
हें..! ये क्या अज़ीब बात है?
इन्हें तो छोड़ो.. इन बालियों ने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है?
ये बालियाँ नहीं है ये तो मेरी दो बातें हैं जो तुमसे कहना चाहता हूँ।
अच्छा जी! क्या हैं वो दो बातें.. हमें भी तो बताओ?
हमेशा तुमसे प्यार करूंगा।
और दूसरी?
मुझे कभी धोखा मत देना, चाहे कुछ भी क्यूं ना हो जाएं। मैं सबकुछ बर्दाश्त कर लूंगा लेकिन मुझे किसी धोखे में कभी मत रखना।
यार! तुमने तो मुझे पूरा Senti कर दिया और वो भी आज।
नहीं! मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं था।
तुम भी ये बालियाँ पहनो ना मुझे भी तुमसे कुछ कहना है।
अरे! मैं बालियाँ पहनकर कैसा लगूँगा तुम ऐसे ही कह दो.. मैं तुम्हारी हर बात मानूंगा।
दो बातें हैं- एक तो हमेशा प्यार करूँगी।
और दूसरी?
दूसरी की तुम मुझपर कभी शक़ मत करना, चाहें कुछ भी क्यूं ना हो जाएं। मैं हमेशा तुम्हारी ही बनके रहना चाहती हूँ.. मुझे ख़ुद से कभी अलग मत करना.. तुम्हारे बिना मैं मर जाऊंगी।
अरे! ऐसा मत कहो, प्लीज। Come.. सीने से लग जाओ.. ऐसी बातें कभी दुबारा मत करना।

नितेश वर्मा
#Niteshvermapoetry #YuHiEkKhyaalSa

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