Saturday, 4 October 2014

दे जाती हैं [De Jati Hai]

मेरी आवाजों को जो आवाज दे जाती हैं
अपनें होनें का मुझे एहसास दे जाती हैं

मैं बुलाऊँ जो सीनें से तस्वीर लगाकर
वो लबों पे मेरे अपनें लब दे जाती हैं

बहाना ना कोई खता की मैनें इश्क में
वो यूं ही बेवजह सौ शक्लें दे जाती हैं

मना के रक्खा था मैनें जिसे बाहों में
ज़ुल्फ़ों से अपनें वो इक शमां दे जाती हैं

हर मामलें में वो मुझसे बेहतर ही रही
इस तरह छोड के जानें की वजह दे जाती हैं

रोक ना पाया था मैं उसे मुश्किल था सब
तन्हा रात तलें वो एक सपना दे जाती हैं

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