Thursday, 2 October 2014

पूरी कर दी तुमनें [Puri Kar Di Tumne]

इक ख्वाब मेरी अधूरी पूरी कर दी तुमनें 
चलो रही सारी हिसाब पूरी कर दी तुमनें 

मिल तो जाएं वो सब मेरे अपनें ही कही
यूं ही बेवजह ख्वाहिशें पूरी कर दी तुमनें 

नाम दिल की लिक्खें खतों पे उतरनें लगें
इन बारिशों की हरजुबां पूरी कर दी तुमनें 

वो आवाज कर जाती हैं इन कानों में मेरे
आहिस्ता ही सही रात पूरी कर दी तुमनें 

भला दिल का भी कोई कभी दुश्मन हैं रहा
मेरे इस परेशां को क्यूं पूरी कर दी तुमनें

गींला तो अब बस जमानें से बाकी हैं वर्मा
अधूरी ये ज़िन्दगी यूं ही पूरी कर दी तुमनें 

नितेश वर्मा

No comments:

Post a Comment