चलो इस बदलतें दौर में ये भी देख आयें
अपनें घर में हम भी थें मेहमां देख आयें
खून रिश्तों का या रिश्तें खून के थें अपनें
बडें परेशां थें इससे हम सबको बेक आयें
मौला तुम अबसे इतना अता करना मुझे
दौलत से कभी खुदको ना हम बेच आयें
सुना था वो सियासी मामला था शहर में
न-जानें अपनें सारें कैसे उस ज़द में आयें
नितेश वर्मा
अपनें घर में हम भी थें मेहमां देख आयें
खून रिश्तों का या रिश्तें खून के थें अपनें
बडें परेशां थें इससे हम सबको बेक आयें
मौला तुम अबसे इतना अता करना मुझे
दौलत से कभी खुदको ना हम बेच आयें
सुना था वो सियासी मामला था शहर में
न-जानें अपनें सारें कैसे उस ज़द में आयें
नितेश वर्मा
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