Saturday, 7 March 2015

के बुझ गयी हैं साँसें अब कोई शोर ना करेंगें हम

के बुझ गयी हैं साँसें अब कोई शोर ना करेंगें हम
तुम सवालें ना करों अब कोई जोर ना करेंगे हम

के दिन गुजरतें चलें आयें थें तुम्हारें ज़ुल्फों तलें
रहनें दो मुहब्बत अब कोई बरसात ना करेंगे हम

नितेश वर्मा


No comments:

Post a Comment