के बुझ गयी हैं साँसें अब कोई शोर ना करेंगें हम
तुम सवालें ना करों अब कोई जोर ना करेंगे हम
के दिन गुजरतें चलें आयें थें तुम्हारें ज़ुल्फों तलें
रहनें दो मुहब्बत अब कोई बरसात ना करेंगे हम
नितेश वर्मा
तुम सवालें ना करों अब कोई जोर ना करेंगे हम
के दिन गुजरतें चलें आयें थें तुम्हारें ज़ुल्फों तलें
रहनें दो मुहब्बत अब कोई बरसात ना करेंगे हम
नितेश वर्मा
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