एक तुम ही नहीं और भी हैं वर्मा
रंग बदलतें चेहरें और भी हैं वर्मा
बस इतना-सा ख्याल रक्खा करो
दुश्मनी तो उनकी और भी हैं वर्मा
अंज़ान-इरादें,मकसदें अजनबी हैं
नज़र आतें अपनें और भी हैं वर्मा
क्यूं इतनी बेरूखी ओढ रक्खी हैं
नाराज़ शख्स तो और भी हैं वर्मा
नितेश वर्मा
रंग बदलतें चेहरें और भी हैं वर्मा
बस इतना-सा ख्याल रक्खा करो
दुश्मनी तो उनकी और भी हैं वर्मा
अंज़ान-इरादें,मकसदें अजनबी हैं
नज़र आतें अपनें और भी हैं वर्मा
क्यूं इतनी बेरूखी ओढ रक्खी हैं
नाराज़ शख्स तो और भी हैं वर्मा
नितेश वर्मा
No comments:
Post a Comment