Nitesh Verma Poetry
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Friday, 13 February 2015
मुल्कएअमीर और लोग फकीर हैं
इस शहर की बात भी कुछ और हैं
मुल्कएअमीर और लोग फकीर हैं
मौहलत नहीं यहाँ चंद साँसों को
यहाँ के लोग फितरत से ग़रीब हैं
नितेश वर्मा
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