जो उसने तोड के छोड दिया हैं साथ मेरें होना
तो अब क्या मुकम्मल और क्या बर्बाद होना
समझना-कहना,शिकायतों का चर्चा उसका हैं
बिन मुस्कुराएं जीना और यूं भी तेरा ही होना
नितेश वर्मा
तो अब क्या मुकम्मल और क्या बर्बाद होना
समझना-कहना,शिकायतों का चर्चा उसका हैं
बिन मुस्कुराएं जीना और यूं भी तेरा ही होना
नितेश वर्मा
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