Friday, 13 February 2015

बहोत बेचैंन मग़र वो मुझसा हैं

बहोत बेचैंन मग़र वो मुझसा हैं
ईश्केमरीज़ मग़र वो मुझसा हैं

टूट के कब का वो बिखरा हुआ
जो भी हो मग़र वो मुझसा हैं

नितेश वर्मा

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