Saturday, 11 June 2016

इन ख़यालों इन रातों में जिन्दा कौन है

इन ख़यालों इन रातों में जिन्दा कौन है
मुझमें रहता परेशां ये बाशिंदा कौन है।

मैं तो वर्षों से एक छांव की आस में हूँ
नाजाने मुझमें बेसबब शर्मिंदा कौन है।

नितेश वर्मा

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