Nitesh Verma Poetry
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Saturday, 11 June 2016
मैं आख़िर क्या हूँ जो हर शायरी में पेश होता हूँ
मैं आख़िर क्या हूँ जो हर शायरी में पेश होता हूँ
मैं अपने हाल को भी खुल के कह नहीं सकता।
नितेश वर्मा
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