Tuesday, 21 June 2016

बहुत बुरा होता अग़र वो जिंदा रह जाता

बहुत बुरा होता अग़र वो जिंदा रह जाता
एक समाज फिर आज शर्मिंदा रह जाता
वो मर गया तो कुछ इससे ठीक ही हुआ
वर्ना फिर आज एक लाश जिंदा रह जाता।

नितेश वर्मा

No comments:

Post a Comment