क्यूं कोई यकीन करें किसीके कहानी पर
सबनें तो वही हर्फ लिक्खा हैं दीवानी पर
समझनें को हर हाल हैं वो समझ सकता
न-जानें क्यूं बैठा हैं यूं लगके शैतानी पर
नितेश वर्मा
सबनें तो वही हर्फ लिक्खा हैं दीवानी पर
समझनें को हर हाल हैं वो समझ सकता
न-जानें क्यूं बैठा हैं यूं लगके शैतानी पर
नितेश वर्मा