[1] इस दौर का हिसाब कुछ और हैं
कहीं और ले चल जहां तो और हैं
[2] मेरे उँगलियों पे गलतियाँ गिनानें वालें
बस करों ये ज़ुमलें ज़िन्दगी कुछ और हैं
[3] दिल दुखा दी हैं तुमनें कहीं और नज़र नहीं आतें तुम
क्या मज़ाक बना रक्खा हैं मुझें समझ नहीं आतें तुम
नितेश वर्मा
कहीं और ले चल जहां तो और हैं
[2] मेरे उँगलियों पे गलतियाँ गिनानें वालें
बस करों ये ज़ुमलें ज़िन्दगी कुछ और हैं
[3] दिल दुखा दी हैं तुमनें कहीं और नज़र नहीं आतें तुम
क्या मज़ाक बना रक्खा हैं मुझें समझ नहीं आतें तुम
नितेश वर्मा
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