आज उँगलियों पे गलतियाँ गिना के चला गया
जो कभी मुझमें ज़िन्दगी को निभानें आया था
नितेश वर्मा
जब तक आप अपने काम के प्रति गंभीर नहीं होते..
सब आपका और आपके काम का मज़ाक बनाऐंगे।
नितेश वर्मा
उससे बस इतना कहना रह गया
ये दिल का रोना अलग रह गया ।
नितेश वर्मा
इस तरह और भी कई ख्वाब खूबसूरत होंगे
अभी तो हाथों में उसनें बस यूं हाथ रक्खा हैं
नितेश वर्मा
कोई और ले जाता हैं मेरी ख्वाहिशें चुराकर
मैंने न-जाने सज़दे में क्या-क्या माँग रखा है ।
नितेश वर्मा
जो कभी मुझमें ज़िन्दगी को निभानें आया था
नितेश वर्मा
जब तक आप अपने काम के प्रति गंभीर नहीं होते..
सब आपका और आपके काम का मज़ाक बनाऐंगे।
नितेश वर्मा
उससे बस इतना कहना रह गया
ये दिल का रोना अलग रह गया ।
नितेश वर्मा
इस तरह और भी कई ख्वाब खूबसूरत होंगे
अभी तो हाथों में उसनें बस यूं हाथ रक्खा हैं
नितेश वर्मा
कोई और ले जाता हैं मेरी ख्वाहिशें चुराकर
मैंने न-जाने सज़दे में क्या-क्या माँग रखा है ।
नितेश वर्मा
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