Tuesday, 7 April 2015

Nitesh Verma Poetry

सुबह बहकर जो हवा चली गयी थीं
शाम तुम्हारें नाम से फिर याद आ गयी

बहोत ही खूबसूरत एहसास बतानें को हैं
ये दिल फिर से तेरा नाम गुनगुनानें को हैं

नितेश वर्मा और बिन मूड शायरी 

No comments:

Post a Comment