इन्कार की सूरत नहीं मुहब्बत जरूरी नहीं
चेहरा पराया ही सहीं मगर वो फरेबी नहीं
किश्तों में बाँधी यें रिश्तों की चलती आँधी
डूबा हैं सेहरा मगर होंठों पे यें जुबानी नहीं
नितेश वर्मा
चेहरा पराया ही सहीं मगर वो फरेबी नहीं
किश्तों में बाँधी यें रिश्तों की चलती आँधी
डूबा हैं सेहरा मगर होंठों पे यें जुबानी नहीं
नितेश वर्मा
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